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न्यायालय के बारे में
चंदौली न्यायिक प्रणाली का संक्षिप्त इतिहास-
जिला चंदौली (उत्तर प्रदेश) का इतिहास ब्रिटिश औपनिवेशिक काल से जुड़ा हुआ है, जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस क्षेत्र में अपनी न्यायिक प्रणाली स्थापित की थी। स्वतंत्रता के बाद, वाराणसी जिले के अंतर्गत मुंसिफ न्यायालय भारतीय न्यायिक प्रणाली के एक अभिन्न अंग के रूप में कार्य करता रहा। जिला एवं सत्र न्यायालय चंदौली की स्थापना 10.07.1999 को हुई थी। यह चंदौली जिले में दीवानी और आपराधिक मामलों के लिए प्राथमिक मंच के रूप में कार्य करता है और क्षेत्र में न्याय और कानूनी कार्यवाही को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पिछले कुछ वर्षों में, न्यायालय जिले के निवासियों की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए विकसित हुआ है, जिससे सभी के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित हुई है।
उपलब्ध सुविधाएं-
चूंकि जिला न्यायपालिका के पास अपना न्यायालय भवन नहीं है, इसलिए न्यायालय अस्थायी रूप से तहसील परिसर के साथ-साथ चंदौली मुख्यालय में बीएसए कार्यालय परिसर में कार्य कर रहे हैं।
निम्नलिखित सुविधाएं अस्थायी रूप से उपलब्ध कराई गई हैं-
1- ई-सेवा केंद्र।
2- ई-फाइलिंग सुविधाएं।
3- रिकॉर्ड रूम।
4- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
चंदौली जिला वाराणसी के पूर्व-दक्षिण-पूर्व में लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर 24° 56′ से 25° 35′[...]
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